IKTARA

“सुन रही हूँ सुधबुध खो के , कोई मैं कहानी पूरी कहानी है क्या , किसे है पता मैं तो किसी की हो के , ये भी न जानी रुत है यह दो पल की या , रहेगी सदा किसे है पता , कि...